सिपाही पंकज के पिता का आरोप ! 14 गंभीर धाराओं में केस दर्ज करने के लिए कोर्ट गए थे, पुलिस ने लगाई हल्की धारा !
उत्तर प्रदेश : गोरखपुर
06 फरवरी 2025 : डॉ. अनुज सरकारी और उनके कर्मचारियों पर पुलिस मेहरबानी दिखा रही है । सिविल कोर्ट ने आदेश दिया तो कोरम पूरा करने के लिए आखिरी दिन हल्की धारा में केस दर्ज कर लिया गया । इसमें डॉक्टर और कर्मचारियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकती है । ये आरोप सिपाही के पिता सेवानिवृत्त दरोगा चंद्रदेव ने लगाए हैं । उन्होंने बताया कि 14 गंभीर धाराओं में केस दर्ज करने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था । कोतवाली खलीलाबाद क्षेत्र के मंझरिया गंगा निवासी सिपाही पंकज के पिता चंद्रदेव मंगलवार को घर पर उदास बैठे थे । चंद्रदेव पुलिस विभाग में दरोगा पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। पुलिस विभाग में 40 साल की सेवा देने वाले चंद्रदेव बताते हैं कि डॉक्टर का पुलिस पर इतना प्रभाव है कि बेटे और बहू पर अत्याचार किया गया । इसके बाद भी बेटे पर ही केस दर्ज कराकर उसे जेल भिजवा दिया गया । बेटे-बहू के साथ हुई घटना को पुलिस ने दबा दिया । चंद्रदेव ने बताया कि केस दर्ज कराने के लिए न्यायालय में 17 जनवरी को बहस हुई । इसके बाद 18 जनवरी को कोर्ट की तरफ से न्यायाधीश ने केस दर्ज करने का आदेश दे दिया । फिर भी पुलिस मामले में केस दर्ज करने से कतराती रही । जब न्यायालय की ओर से दिए गए दो सप्ताह का समय बीत गया और लगा कि अवमानना झेलनी पड़ेगी, तब केस दर्ज किया गया । जो पुलिस हमारा केस ही नहीं दर्ज कर रही थी, वह पुलिस निष्पक्षता से मामले की विवेचना कैसे करेगी । अगर ठीक से विवेचना हो जाए तो अभी और भी धाराएं इस केस में बढ़ेंगी । उन्होंने बताया कि बेटा पंकज जेल से रिहा होने के बाद परिवार के लोगों को सांत्वना देने के साथ खुद भी शांत होने का प्रयास कर रहा है । वह अभी तक ड्यूटी पर नहीं जा सका है। बहाली के लिए वह आवश्यक प्रयास कर रहा है ।सिपाही की पत्नी नहीं भूल पा रही दुर्व्यवहार !
सिपाही की पत्नी अदिति तीन नवंबर को हुई घटना को याद करके सिहर जाती हैं । उनकी जेहन में घटना को लेकर भय व्याप्त है । उनके ससुर बताते हैं कि वह सारी प्रताड़नाओं को भूल जाए, इसके लिए कुछ दिनों के लिए मायके वाराणसी भेज दिया है । उसके साथ जो दुर्व्यवहार किया गया था, उसको लेकर वह काफी दुखी रहने लगी है ।पिता बोले – हमारे साथ हैं अधिवक्ता और आम जनता !
चंद्रदेव ने कहा कि उनके साथ गोरखपुर के अधिवक्ताओं के साथ ही वहां की आम जनता भी है । कई दूसरे लोग भी इस डॉक्टर से पीड़ित हैं । न्यायालय ने हमारा साथ नहीं दिया होता तो पुलिस केस भी नहीं दर्ज करती । न्यायालय ने सच का साथ दिया । हम लोगों को ऐसे व्यक्ति के ऊपर केस दर्ज कराने में सफलता मिली, जो प्रभावशाली और पुलिस विभाग में अच्छी पकड़ रखता है ।नहीं लगाई जानलेवा हमले की धारा !
चंद्रदेव ने कहा कि बेटे के सिर में गंभीर चोट आई थी, पुलिस ने ही मेडिकल कराया था । इसके बाद भी मारपीट की धारा लगा दी गई, जानलेवा हमले की धारा नहीं लगाई गई । जबकि कोर्ट ने हत्या के प्रयास के साथ ही 13 और धाराओं में केस दर्ज करने का आदेश दिया है । सोच समझकर इस तरह FIR लिखी गई है कि डॉक्टर की गिरफ्तारी न हो । इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं । कोर्ट में इसके खिलाफ फिर प्रार्थना पत्र दाखिल किया जाएगा । बेटे के साथ मारपीट का वीडियो और मेडिकल रिपोर्ट मौजूद है ।स्टेट न्यूज़ हैड उत्तर प्रदेश कृष्ण कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

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